समस्त ग्रामवासियों को मेरा हार्दिक प्रणाम,
आशा करता हूं कि होली का पर्व आप सभी का हर्ष एवम् उल्लास से बीता होगा।एक और पर्व जिसे लोकतंत्र का महापर्व की संज्ञा दी जाती है,का शुभारंभ होने जा रहा है ,अर्थात चुनाव।आइए इस पर्व को भी भाई चारे के साथ मनाएं।जैसे हम होली में सारे गिले-शिकवे भुलाकर प्रेमपूर्वक एक दूसरे से मिलते हैं,ठीक उसी तरह लोकतंत्र के महापर्व में निज स्वार्थ को त्यागकर,सारे बैर -भाव भुलाकर ऐसे प्रत्याशियों का चुनाव करें जो गांव के विकास में सब को शामिल करते हुए एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण कर सकें।
कुछ लोग येन -केन -प्रकारेण आप के निर्णय को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे। लेकिन हमारा निर्णय लेना ही हमारे जिंदा होने की निशानी है। दूसरे के इशारे पर तो केवल मशीनें काम करती हैं।आपको इस चुनाव में यह साबित करना होगा कि आप जिंदा इंसान हैं,कोई वस्तु नहीं। आपका निर्णय आपका होगा किसी और का नहीं।निर्णय गलत होता है तो हमारे साथ साथ हमारी आने वाली पीढ़ी भी उसका परिणाम भोगती है।
इतिहास के पन्नों में वो दौर भी देखे हैं,
लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई।
इन्ही शब्दों के साथ आप सभी को लोकतंत्र के महापर्व चुनाव की हार्दिक शुभकामनाएं।
आप सभी का
दीपक कुमार सिंह
(असिस्टेंट प्रोफेसर)
हंडिया पी.जी. कॉलेज,प्रयागराज।
👌👌👌
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