शनिवार, 30 नवंबर 2019

मंदी

मंदी...
         
      रामआसरे के पिताजी 'इकनोमिक स्लोडाउन' से अत्यंत चिंतित हैं।उन्हें इस बात का पक्का यकीन है कि देश मंदी की चपेट में जाने वाला है।उनके इस यकीन को दूसरी तिमाही की जी.डी.पी. रिपोर्ट ने और पुख्ता कर दिया।रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि देश के उपभोग व्यय में कमी आई है।उपभोग व्यय में आई कमी की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए रामआसरे के पिताजी अब क्वार्टर बढ़ा कर पीने लगे हैं,इस उम्मीद के साथ कि बढ़े हुए उपभोग से सायद  देश मंदी के चपेट में जाने से बच जाय।
        रामआसरे के पिताजी बचपन से ही राष्ट्र भक्त रहे हैं।मूल्यपरक शिक्षा अर्जित करते हुए जब उन्हें यह ज्ञान हुआ था कि राज्य के राजस्व का प्रमुख स्रोत आबकारी शुल्क है,तभी से उन्होंने देश हित में पीना प्रारम्भ कर दिया था।इसप्रकार,राजस्व में सहयोग के माध्यम से देशहित में यह उनका प्रथम योगदान था,दूसरा महत्वपूर्ण योगदान मदिरा उपभोग में की गई वृद्धि है।
      रामआसरे मंदी के मुद्दे पर सरकार की तरह आशावादी है तथा पिताजी से भिन्न मत रखता है।R.B.I. से पैसा लेकर खर्च करने का सरकार का तरीका रामआसरे को बेहद पसंद आया।इस विषय पर सरकार का पक्ष रखते हुए कई बार पिताजी से उसकी भिड़ंत हो चुकी है।दरअसल इस सरकारी तरीके को रामआसरे व्यक्तिगत स्तर पर भी प्रयोग कर रहा था तथा पिताजी के पैसों को उपभोग वृद्धि में लगा रहा था।चूंकि असली समस्या उपभोग की थी इसलिए निवेश पर फोकस नहीं था।रामआसरे के कुछ अमितव्ययी मित्र भी थे जो तंगी में थे।पिताजी के पैसों को रामआसरे ने  'बेल आउट पैकेज' के रूप में मित्रो को वितरित कर दिया था,जिसके वापसी की संभावना न के बराबर थी।रामआसरे और पिताजी के भिड़ंत की असली वजह यही थी।
        रामआसरे के पिताजी अतीत प्रेम से उपजे तर्क के वशीभूत होकर उपस्थित लोंगों से कहा कि,'पहले देश में गतिहीनता नहीं पाई जाती थी और आज देख लो देश में मंदी का दौर सुरु हो गया है।'रामआसरे पिताजी की तरफ देखकर हँसा और बोला 'गतिहीनता होने के लिए गति का होना जरूरी है और आप जिस काल की बात कर रहें है उसमें गति ही नही थी।'यह अतीत प्रेम पर करारा प्रहार था,प्रतिक्रिया स्वरूप पिताजी द्वारा रामआसरे पर ऐसा प्रहार हुआ कि एक ही लाठी में रामआसरे की सांसें देश के विकास दर की भांति धीमी गति से चलने लगी।

7 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया व्यंग्य ! काश रामआसरे जैसी सकारात्मकता और देशभक्ति सभी नागरिकों में होती।

    जवाब देंहटाएं
  2. वास्तविकता का परिचय इससे बेहतर नहीं हो सकता है! बहुत खूब मामा, जीवन का कटी सत्य एवम् प्रमाणिकता का परिचय इससे बेहतर नहीं हो सकता है!

    जवाब देंहटाएं

  More Hours, Less Output? Unpacking the Flawed Economics of the 70-Hour Work Week A recent proposal from Infosys Founder Narayan Murthy has...