शनिवार, 4 जनवरी 2020

यक्ष प्रश्न

                             यक्ष प्रश्न

            इस साल ठंडक तो जैसे जान लेकर ही मानेगी।पूरा विंटर वैकेसन रजाई में ही ख़तम हो गया।रामआसरे का अवकाश अपने अनुसार तय होता है।सर्दी की छुट्टी के चार दिन बाद रामआसरे कॉलेज आया है।रामआसरे का पिछले चार साल से इंटर फाइनल हो रहा है। वर्तमान 'फेलमुक्त' और 'छात्र फ्रेंडली' शिक्षा व्यवस्था भी रामआसरे को पास कराने में असफल सिद्ध हुई है,हालांकि पूरी तरह नही क्योंकि इसी व्यवस्था के तहत रामआसरे हाई स्कूल में बाजी मारे थे।नई शिक्षा नीति के लिए रामआसरे चुनौती हैं। मौसम खराब होना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि रामआसरे का फाइनल, खेल की तरह आगे के लिए शिफ्ट हो गया है।
            रामआसरे कॉलेज में प्रवेश करते ही स्वहस्तनिर्मित बम फेंक धमाका कर दिया।बायोमेट्रिक युग में रामआसरे आज भी परंपरागत तरीके से ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है।धमाका आशा के अनुरूप नहीं था,इसलिए रामआसरे थोड़ा निराश हुआ।कक्षा में प्रवेश किया,नियत स्थान पर जो उसने क्लास के वातावरण के आधार पर स्वयं तय कर लिया था,जाकर बैठ गया।टीचर ने यक्ष प्रश्न किया कि,"कल्पना करिए आप कहीं जा रहे हों और रास्ते में एक लड़की के साथ छेड़खानी हो रही हो तो आप क्या करोगे?"
          क्लास में केवल दो ही लोंगों को प्रश करने का अधिकार था,एक क्लास में टीचर को तथा दूसरा रामआसरे को।भिन्नता यह थी कि टीचर केवल रामआसरे से प्रश्न भर कर सकता था,जबकि रामआसरे प्रश्न भी कर सकता था और टीचर को उसका उत्तर भी देना होता था।रामआसरे टीचर के कल्पना करने वाले प्रश्न में लड़की को छेड़ने की कल्पना कर पाया,क्योंकि वह उसी में सहज था।कक्षा के अन्य छात्रों ने अपने-अपने तरीके से ज्यादातर आदर्शात्मक उत्तर दिए।जो भी लड़की को बचाने की बात करता रामआसरे कल्पना में उसको बलभर कूट कर फिर लड़की को कल्पना में छेड़ने लगता।
            टीचर ने प्रश्न में संसोधन किया और कहा,"जो लड़की छेड़ी जा रही है यदि वह आपकी बहन हो तो आप क्या करोगे?" रामआसरे इस प्रश्न से कल्पना लोक से वास्तविकता की दुनिया मे धड़ाम से गिरा।हालांकि उसे प्रश्न का उत्तर नहीं देना होता है फिर भी वह चौधियाँ सा गया।

         रामआसरे की कल्पना शक्ति शून्य सी हो गयी।वह लड़की और बहन दोनों की कल्पना नहीं कर पा रहा था।थोड़ी सी कल्पना शक्ति जागृत हुई तो वह कल्पना में बहन की रक्षा में स्वयं को मृत पाया।

2 टिप्‍पणियां:

  1. गंभीर समस्या को हल्के फुल्के अंदाज में व्यक्त करने की अद्भुत शैली...

    जवाब देंहटाएं
  2. सुंदर!! रामआसरे की कल्पना भी अद्भुत होती है।

    जवाब देंहटाएं

  More Hours, Less Output? Unpacking the Flawed Economics of the 70-Hour Work Week A recent proposal from Infosys Founder Narayan Murthy has...